मेरी हर गल पूरी हुंदी आई

मेरे गुरु जी ने जिन्दगी बनाई मेरी हर गल पूरी हुंदी आई
शुकराना तेरा करन मैं आई मेरी हर गल पूरी हुंदी आई,

मेरे सारे रुके कम पुरे होये दूर मेरे सारे गम होए,
जग नालो तू ता वखरी निभाई मेरी हर गल पूरी हुंदी आई,

मैं गुरु जी कोल दोडी दोडी आई
ओहने हर ख़ुशी मेरी झोली पाई ,
कदे भी न मेरी गल ठुकराई
मेरी हर गल पूरी हुंदी आई,

दाता जी साहणु रोटी जोगे किता
कारा वाले नाल कोठी जोगे किता
कोडी हीरेया दे मूल विक वाई
मेरी हर गल पूरी हुंदी आई,

मेरे गुरु जी अज मेरे घर आये खुशिया दे सागर विच घोते भी लगवाये,
मेरी जन्मा दी प्यास बुजाई
मेरी हर गल पूरी हुंदी आई,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी
पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी
रक्षा बन्धन

शनिवार, 09 अगस्त 2025

रक्षा बन्धन

संग्रह