भगवान हनुमान
बारे में
अस्त्र
गदा , वज्र और ध्वजा
प्रतीक
वानर
त्यौहार
हनुमान जयंती
माता-पिता
वायुदेव(आध्यात्मिक पिता)
राजा केसरी (पिता)
अंजना (माता)
भाई-बहन
गतिमान , श्रुतिमान , धृतिमान , केतुमान और मतिमान, भीमसेन (सौतेले छोटे भाई अन्य सभी सगे छोटे भाई)
हनुमान भगवान श्रीराम के परमभक्त(संस्कृत: हनुमान्, आंजनेय और मारुति के नाम से भी जानते है।) सबसे लोकप्रिय अवधारणाओं और भारतीय महाकाव्य रामायण में सबसे महत्वपूर्ण पात्रों में एक हैं। वह भगवान शिवजी के सभी अवतारों में सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं। रामायण के अनुसार वे श्रीराम के अत्यधिक प्रिय हैं। इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंगबली भी हैं। हनुमान जी का अवतार भगवान राम की सहायता के लिये हुआ। हनुमान जी के पराक्रम की असंख्य गाथाएँ प्रचलित हैं। इन्होंने जिस तरह से राम के साथ सुग्रीव की मैत्री कराई और फिर वानरों की मदद से असुरों का मर्दन किया, वह अत्यन्त प्रसिद्ध है।
इन्हें बजरंगबली के रूप में जाना जाता है क्योंकि इनका शरीर एक वज्र की तरह है। वे पवन-पुत्र के रूप में जाने जाते हैं। वायु अथवा पवन (हवा के देवता) ने हनुमान जी को पालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।