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गुरु आरती (बाबा बंसी वाले जी)
आरती कीजै श्री गुरुवर की,परम पुरुष परमेश्वर जी की,आरती कीजै श्री गुरुवर की,परम पुरुष परमेश्वर जी की॥ निराकार साकार भी तुम हो,इस जग का आधार भी तुम हो,सोहम की झंकार भी तुम हो,महिमा गावो सतगुरु...
आरती जिसे सुनकर, जिसे गाकर श्रद्धालु धन्य समझते हैं। किसी भी देवी-देवता या अपने आराध्य, अपने ईष्ट देव की स्तुति की उपासना की एक विधि है। आरती के दौरान भक्तजन गाने के साथ साथ धूप दीप एवं अन्य सुगंधित पदार्थों से एक विशेष विधि से अपने आराध्य के सामने घुमाते हैं। मंदिरों में सुबह उठते ही सबसे पहले आराध्य देव के सामने नतमस्तक हो उनकी पूजा के बाद आरती की जाती है।
इसी क्रम को सांय की पूजा के बाद भी दोहराया जाता है व मंदिर के कपाट रात्रि में सोने से पहले आरती के बाद ही बंद किये जाते हैं। मान्यता है कि आरती करने वाले ही नहीं बल्कि आरती में शामिल होने वाले पर भी प्रभु की कृपा होती है। भक्त को आरती का बहुत पुण्य मिलता है। आरती करते समय देवी-देवता को तीन बार पुष्प अर्पित किये जाते हैं। मंदिरों में तो पूरे साज-बाज के साथ आरती की जाती है। कई धार्मिक स्थलों पर तो आरती का नजारा देखने लायक होता है। बनारस के घाट हों या हरिद्वार, प्रयाग हो या फिर मां वैष्णों का दरबार यहां की आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। तमिल में आरती को ही दीप आराधनई कहा जाता है।
आरती कीजै श्री गुरुवर की,परम पुरुष परमेश्वर जी की,आरती कीजै श्री गुरुवर की,परम पुरुष परमेश्वर जी की॥ निराकार साकार भी तुम हो,इस जग का आधार भी तुम हो,सोहम की झंकार भी तुम हो,महिमा गावो सतगुरु...
वाल्मीकि की जय जय,भगवान वाल्मीकि की जय जय,वाल्मीकि की जय जय,भगवान वाल्मीकि की जय जय,सतगुरु वाल्मीकि की जय जय……. सकल सृष्टि का मेल सकल सृष्टि का मेल,मुक्ति के भूल दाता गुरु वाल्मीकि की जय जय,स्वामी...
आरती श्री गुरुदेव की गाउँ ,मन मंदिर में ज्योत जगाकर ,श्री गुरुदेव का दर्शन पाऊं। गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु महेश्वर ,गुरु ही वेद पुराण प्राणेश्वर।कर वंदन नित शीश झुकाऊं - आरती श्री…… ज्ञान ध्यान ईश्वर...
ॐ वैभव लक्ष्मी माता,मैया वैभव लक्ष्मी माता,भक्तों के हितकारिनी,भक्तों के हितकारिनी,सुख वैभव दाता,ॐ वैभव लक्ष्मी माता || ॐ वैभव लक्ष्मी माता,मैया वैभव लक्ष्मी माता,भक्तों के हितकारिनी,भक्तों के हितकारिनी,सुख वैभव दाता,ॐ वैभव लक्ष्मी माता || लक्ष्मी...
जय जय शनि देव महाराज,जन के संकट हरने वाले । तुम सूर्य पुत्र बलिधारी,भय मानत दुनिया सारी ।साधत हो दुर्लभ काज ॥ तुम धर्मराज के भाई,जब क्रूरता पाई ।घन गर्जन करते आवाज ॥जय जय शनि...
आरती रघुवर लाला की आरती रघुवर लाला की, सांवरिया नैन विशाला की।। कमल कर धनुष बाण धारे, छवि लख कोटि काम हारे,सिलोने नैनां रत्नारे,अलक की बलन, पलक की चलन पीतपट्ट हलन,लटक सुंदर वनमाला की, सांवरिया...
भुवन विराजी शारदा महिमा अपरम्पार ।भक्तों के कल्याण को धरो मात अवतार ॥ मैया शारदा तोरे दरबार, आरती नित गाऊँ ।श्रद्धा का दीया प्रीत की बाती, असुअन तेल चढ़ाऊँ ॥ दर्श तोरे पाऊँ, मैया शारदा...
जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता,आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता। ॥ जय शीतला माता… ॥ रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता,ऋद्धि-सिद्धि मिल चंवर डोलावें, जगमग छवि छाता। ॥ जय शीतला माता… ॥...
ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनन्द कन्दी ।ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा शिव , हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥ ॥ॐ जय जय जगदानन्दी..॥ देवी नारद शारद तुम वरदायक, अभिनव पदचण्डी।सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि...
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता ।अपने सेवक जन को, सुख संपति दाता ॥ ॥ॐ जय संतोषी माता ॥ सुंदर चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हों ।हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार लीन्हों ॥ ॥ ॐ...
आरती देवी अन्नपूर्णा जी की बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम। जो नहीं ध्यावै तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम। अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम॥ ॥ बारम्बार प्रणाम… ॥ प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर, कालान्तर...
आरती श्री नवग्रहों की कीजै. बाध,कष्ट,रोग,हर लीजै । सूर्य तेज़ व्यापे जीवन भर.जाकी कृपा कबहु नहिं छीजै। ॥ आरती श्री नवग्रहों की कीजै.. ॥ रुप चंद्र शीतलता लायें.शांति स्नेह सरस रसु भीजै। ॥ आरती श्री...