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देवी गायत्री: वेदमाता और दिव्य ज्ञान की देवी | Gayatri Mata Information in Hindi

बारे में

अस्त्र
शंख, चक्र, पद्म, परशु, गदा और पाश

सवारी
हंस

जीवनसाथी
ब्रह्मदेव

देवी गायत्री, जिन्हें वेदमाता, मंत्रों की जननी और ज्ञान की देवी कहा जाता है, हिंदू धर्म की सबसे पूजनीय देवियों में से एक हैं। वे केवल एक देवी नहीं, बल्कि एक जीवनशैली, ऊर्जा और चेतना का प्रतीक हैं। उनका नाम सुनते ही मन में गायत्री मंत्र की दिव्यता गूंजने लगती है।


देवी गायत्री कौन हैं?

गायत्री माता को सावित्री और वेदमाता भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गायत्री देवी भगवान ब्रह्मा की शक्ति हैं जिन्होंने चारों वेदों को जन्म दिया।

  • उनका पंचमुखी स्वरूप पाँच वेदों (ऋग, यजुर, साम, अथर्व और अधिदेविक ज्ञान) का प्रतिनिधित्व करता है।
  • दस भुजाओं में वे विभिन्न आयुध धारण करती हैं जो ज्ञान, शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक हैं।
  • उनका वाहन हंस है, जो विवेक और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।

गायत्री मंत्र का महत्व

ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्

यह मंत्र महर्षि विश्वामित्र द्वारा प्रकट किया गया था और इसे सभी मंत्रों का सार माना जाता है। गायत्री मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति को:

  • मानसिक शांति
  • आध्यात्मिक उन्नति
  • सकारात्मक ऊर्जा
  • और आत्मिक बल प्राप्त होता है।

गायत्री माता की पूजा विधि (Puja Vidhi)

गायत्री माता की पूजा अत्यंत सरल और प्रभावशाली होती है:

  1. प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें।
  2. पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठें।
  3. माता गायत्री की मूर्ति या चित्र को पीले या लाल फूलों से सजाएं।
  4. धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें।
  5. गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें (माला से)।
  6. अंत में माता की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।

विशेष सलाह: पूजा के समय मन को एकाग्र रखें और शुद्ध भावना से गायत्री मंत्र का उच्चारण करें।


देवी गायत्री के लाभ

  • विद्यार्थियों के लिए बुद्धि व स्मरण शक्ति में वृद्धि
  • साधकों को ध्यान और आत्मिक अनुभव की प्राप्ति।
  • जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य का संचार।
  • मानसिक तनाव, चिंता और डर से मुक्ति।

देवी गायत्री की आरती (Aarti)

जय गायत्री माता, जय गायत्री माता
जो नर तुमको ध्याता, सुख-सम्पत्ति पाता
ज्ञान स्वरूपा, ब्रह्मा की शक्ति
सदा करो तुम भक्तों की भक्ति

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