आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी इंदिरा एकादशी कहलाती है। भटकते हुए पितरों की गति सुधारने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी कहते हैं।
इस दिन शालीग्राम जी की पूजा की जाती है। इस दिन शालीग्राम जी पर तुलसी दल अवश्य चढ़ाना चाहिए। पुराणों में कहा गया है कि सतयुग में इन्द्रसेन नामक एक राजा था। एक दिन नारदजी उसके यहाँ पधारे और कहने लगे- हे राजन! मैं यमलोक से आ रहा हूँ। वहाँ पर तुम्हारे पिता बड़े दुःखी हैं। तुम उनकी सद्गति के लिए आश्विन माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत करो। इस व्रत के प्रभाव से तुम्हारे पिताजी को सद्गति प्राप्त होगी।
इन्द्रसेन ने नारदरजी के कहने पर आश्विन कृष्ण एकादशी को व्रत किया। इससे उसके पिता यमलोक की यंत्रणा से मुक्त होकर स्वर्गलोक को चले गये। राजा की देखा देखी अनेक प्रजाजन भी यह व्रत रखने लगे।