Datta Jayanti दत्तात्रेय जयंती एक हिंदू पर्व है जो भगवान दत्तात्रेय की जयंती के रूप में मनाया जाता है। भगवान दत्तात्रेय हिंदू धर्म में त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) के संयुक्त अवतार माने जाते हैं। दत्तात्रेय को शैवपंथी शिव का अवतार और वैष्णवपंथी विष्णु का अंशावतार मानते हैं। यह भी मान्यता है कि रसेश्वर संप्रदाय के प्रवर्तक भी दत्तात्रेय थे। भगवान दत्तात्रेय से वेद और तंत्र मार्ग का विलय कर एक ही संप्रदाय निर्मित किया था। इसीलिए उन्हें त्रिदेव का स्वरूप भी कहा जाता है। दत्तात्रेय को नाथ संप्रदाय की नवनाथ परंपरा का भी अग्रज माना है। इस पर्व को मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है

भगवान दत्तात्रेय का स्वरूप और प्रतीक:

  1. तीन मुख: भगवान दत्तात्रेय के तीन मुख ब्रह्मा, विष्णु और शिव के त्रिमूर्ति का प्रतीक हैं। यह सृजन, संरक्षण और संहार के तत्वों को दर्शाते हैं।
  2. छह हाथ: उनके छह हाथों में विभिन्न प्रकार के शस्त्र और वस्त्र होते हैं, जो उनके सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी स्वरूप को दर्शाते हैं।
  3. गाय: भगवान दत्तात्रेय के पीछे एक गाय दिखाई देती है, जो पृथ्वी और उसकी समस्त संपदाओं का प्रतीक है। गाय का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है और इसे माता के रूप में पूजा जाता है।
  4. चार कुत्ते: भगवान दत्तात्रेय के आगे चार कुत्ते दिखाई देते हैं, जो चार वेदों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह ज्ञान, धर्म, यज्ञ और सत्य के प्रतीक हैं।
  5. औदुंबर वृक्ष: भगवान दत्तात्रेय का निवास औदुंबर (गूलर) वृक्ष के समीप बताया गया है। यह वृक्ष दिव्यता और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक है।

दत्तात्रेय जयंती के अवसर पर भक्तगण भगवान दत्तात्रेय की पूजा-अर्चना, व्रत और भजन-कीर्तन करते हैं। कई स्थानों पर विशेष पूजा का आयोजन होता है, जिसमें भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति या चित्र की पूजा की जाती है। भक्त उनके चरणों में प्रसाद अर्पित करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करते हैं।

इसके अलावा, इस दिन परंपरागत कथाएं और धार्मिक ग्रंथों का पाठ भी किया जाता है। विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

भगवान दत्तात्रेय के प्रति श्रद्धा और उनकी शिक्षाओं का पालन करने वाले भक्त इस दिन को विशेष मानते हैं और उनके प्रति अपनी भक्ति और निष्ठा को प्रदर्शित करते हैं।

Comments

आगामी उपवास और त्यौहार

पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी
रक्षा बन्धन

शनिवार, 09 अगस्त 2025

रक्षा बन्धन
श्रावण पूर्णिमा

शनिवार, 09 अगस्त 2025

श्रावण पूर्णिमा
कृष्ण जन्माष्टमी

शनिवार, 16 अगस्त 2025

कृष्ण जन्माष्टमी
अजा एकादशी

मंगलवार, 19 अगस्त 2025

अजा एकादशी
हरतालिका तीज

मंगलवार, 26 अगस्त 2025

हरतालिका तीज