पितृपक्ष प्रारम्भ आश्विन मास की अमावस्या ही पितृ विसर्जन अमावस्या

के नाम से विख्यात है। इस दिन ब्राह्मण को भोजन तथा दान देने से पितर तृप्त हो जाते हैं तथा वे अपने पुत्रों को आशीर्वाद देकर जाते हैं। जिन परिवारों को अपने पितरों की तिथि याद नहीं रहती है उनका श्राद्ध भी इसी अमावस्या को कर देने से पितर सन्तुष्ट हो जाते हैं।

इस दिन शाम को दीपक जलाकर पूड़ी पकवान आदि खाद्य पदार्थ दरवाजे पर रखे जाते हैं। जिसका अर्थ है कि पितृ जाते समय भूखे न रह जायें। इसी तरह दीपक जलाने का आशय उनके मार्ग को आलोकित करना है।

Comments

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी