सर्वपितृ अमावस्या (Sarvapitru Amavasya), जिसे आमतौर पर पितृ पक्ष (Pitru Paksha) भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू परंपरा है जो पितरों की पूजा और तर्पण (तिल-तर्पण) के माध्यम से मनाई जाती है। यह परंपरा पितरों की आत्मा की शांति और प्रसन्नता को प्राप्त करने के लिए समर्पित होती है।

पितृ पक्ष एक 16-दिवसीय अवधि होती है जो भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष से शुरू होती है और आश्विन मास की कृष्ण पक्ष के साथ समाप्त होती है। इस अवधि में लोग अपने श्राद्ध करते हैं और अपने पितरों को आदर और पुष्टि के साथ याद करते हैं।

सर्वपितृ अमावस्या पितृ पक्ष की अंतिम दिन होती है, जिसमें पितृ तर्पण के माध्यम से पितरों को श्राद्ध दिया जाता है। इस दिन लोग अपने गुरुपितृ, पितृगण, और वंश के अन्य सदस्यों के लिए प्रार्थना करते हैं और उनकी मुक्ति और आत्मिक शांति के लिए तिल-तर्पण करते हैं।

यह परंपरा विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भागों में है।

Comments

आगामी उपवास और त्यौहार

राधा अष्टमी

बुधवार, 11 सितम्बर 2024

राधा अष्टमी
दुर्वा अष्टमी

बुधवार, 11 सितम्बर 2024

दुर्वा अष्टमी
परिवर्तिनी एकादशी

शनिवार, 14 सितम्बर 2024

परिवर्तिनी एकादशी
ओणम/थिरुवोणम

रविवार, 15 सितम्बर 2024

ओणम/थिरुवोणम
पितृपक्ष प्रारम्भ

मंगलवार, 17 सितम्बर 2024

पितृपक्ष प्रारम्भ
अनंत चतुर्दशी

मंगलवार, 17 सितम्बर 2024

अनंत चतुर्दशी