झारखण्ड महादेव मंदिर

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झा‍ड़खंड महादेव मंदिर: दक्षिण भारतीय शैली में जयपुर का अद्भुत शिवालय

जयपुर को ‘छोटी काशी’ कहा जाता है, और इस उपाधि को सही साबित करने के लिए यहां कई प्राचीन व ऐतिहासिक मंदिर स्थित हैं। इन्हीं में से एक अनोखा मंदिर है झा‍ड़खंड महादेव मंदिर, जो न सिर्फ अपनी आध्यात्मिक महिमा के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपनी विशिष्ट दक्षिण भारतीय शैली की वास्तुकला के कारण भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

झा‍ड़खंड महादेव मंदिर का नाम और इतिहास

अक्सर लोग इस मंदिर का नाम सुनकर चौंक जाते हैं और सोचते हैं कि झारखंड राज्य से इसका क्या संबंध हो सकता है? लेकिन वास्तव में, इस मंदिर का झारखंड से कोई लेना-देना नहीं है। जयपुर के वैशाली नगर के पास स्थित प्रेमपुरा गांव में यह मंदिर स्थापित है। पुराने समय में इस क्षेत्र में घने जंगल और झाड़ियां हुआ करती थीं, इसलिए इस स्थान का नाम “झा‍ड़खंड” पड़ा। ‘झाड़’ यानी झाड़ियां और ‘खंड’ यानी क्षेत्र, इस प्रकार इस स्थान को ‘झा‍ड़खंड महादेव मंदिर’ के नाम से जाना जाने लगा

इस मंदिर का इतिहास करीब 100 वर्षों से भी अधिक पुराना है। वर्ष 1918 तक यह एक छोटा-सा मंदिर था, जिसमें केवल एक शिवलिंग स्थापित था। मंदिर की देखभाल के लिए यहां केवल एक छोटा कक्ष बना था। लेकिन करीब 18 वर्ष पूर्व इस मंदिर का भव्य जीर्णोद्धार किया गया, जिसमें इसकी संरचना को दक्षिण भारतीय शैली में बनाया गया। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष जयप्रकाश सोमानी के अनुसार, उनके पूर्वज बब्बू सेठ जी ने इस मंदिर की नींव रखी थी और इसे एक महत्वपूर्ण शिवालय के रूप में विकसित किया।

मंदिर की अनूठी वास्तुकला

हालांकि यह मंदिर राजस्थान में स्थित है, लेकिन इसकी भव्यता और संरचना दक्षिण भारतीय शैली से प्रभावित है।

  • मंदिर का मुख्य द्वार पूरी तरह से दक्षिण भारतीय मंदिरों जैसा बनाया गया है, जो अत्यंत आकर्षक और भव्य दिखता है।
  • मंदिर के गर्भगृह की शैली उत्तर भारतीय मंदिरों से प्रेरित है, लेकिन इसे विशेष रूप से अनोखा बनाने के लिए निर्माण के समय एक स्वयं उग आए पेड़ को नहीं काटा गया, बल्कि गर्भगृह का निर्माण उसी पेड़ के साथ किया गया। यह विशेषता इस मंदिर को और भी दिव्य बना देती है।
  • भगवान शिव का संपूर्ण परिवार—माता पार्वती, भगवान गणेश, स्वामी कार्तिकेय और विशाल नंदी प्रतिमा—मंदिर में प्रतिष्ठित हैं।
  • मंदिर में भगवान शिव के ‘चौकीदार’ भृंगी ऋषि की मूर्ति भी स्थापित की गई है।

झा‍ड़खंड महादेव मंदिर की आध्यात्मिक मान्यताएं

यह मंदिर न केवल अपनी स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी आध्यात्मिक ऊर्जा भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु श्रद्धा भाव से इस मंदिर में दर्शन करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। विशेष रूप से,

  • सावन के महीने में मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। हर सोमवार यहां विशेष अभिषेक और पूजन किया जाता है।
  • शिवरात्रि के अवसर पर यहां भव्य आयोजन होता है और भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए हजारों भक्त उमड़ते हैं।
  • यहां 7 गुरुवार लगातार दर्शन करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, ऐसी मान्यता है।
  • मंदिर में संत गोविंदनाथ बाबा की समाधि स्थित है, जिनकी 12 वर्षों की कठोर तपस्या के कारण यह स्थान सिद्ध क्षेत्र माना जाता है।

मंदिर की अनूठी विशेषताएं

  • मंदिर परिसर में आज भी गोविंदनाथ बाबा की धूनी (अखंड ज्योति) जलती रहती है।
  • मंदिर के बाहर गायों को चारा खिलाने और कबूतरों को दाना डालने की विशेष परंपरा है।
  • मंदिर में महिला भजन मंडलियों द्वारा प्रतिदिन शिव महिमा के गीत गाए जाते हैं।
  • गर्मी में भी यहां का वातावरण अत्यंत शीतल और शांत रहता है, जिससे भक्तों को मानसिक शांति मिलती है।

श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं

हर वर्ष श्रावण मास और शिवरात्रि पर विशेष व्यवस्थाएं की जाती हैं।

  • भक्तों की सुरक्षा हेतु पुलिस प्रबंधन किया जाता है।
  • जल एवं प्रसाद वितरण की उचित व्यवस्था रहती है।
  • गाड़ियों की पार्किंग एवं लाइन प्रबंधन का ध्यान मंदिर ट्रस्ट द्वारा रखा जाता है।
  • मंदिर परिसर में विशाल हवन कुंड भी बनाया गया है, जहां नियमित रूप से यज्ञ किए जाते हैं।

अंतिम विचार

झा‍ड़खंड महादेव मंदिर जयपुर के सबसे अद्भुत और दिव्य मंदिरों में से एक है। इसकी दक्षिण भारतीय शैली, ऐतिहासिक महत्व, आध्यात्मिक ऊर्जा और विशेष मान्यताएं इसे भक्तों के लिए एक अद्वितीय तीर्थस्थल बनाती हैं। अगर आप कभी जयपुर आएं, तो इस पावन शिवालय के दर्शन अवश्य करें और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।

आरती समय

मंदिर खुलने का समय
सुबह 4.30 बजे

दर्शन समय
सुबह 4.45 बजे से रात्रि के आरती तक

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