भगवान गणेश
बारे में
अस्त्र
त्रिशूल, तलवार, अंकुश, पाश, मोदक और परसु
प्रतीक
स्वास्तिक और मोदक
त्यौहार
गणेश चतुर्थी
सवारी
मूषक (चूहा)
जीवनसाथी
रिद्धि,सिद्धि और बुद्धि
माता-पिता
भगवान शिव (पिता)
देवी पार्वती (माता)
भाई-बहन
भगवान कार्तिकेय ( बड़े भाई ) , भगवान अय्यपा ( बड़े भाई ) , देवी अशोकसुन्दरी ( बड़ी बहन ) , देवी ज्योति ( बड़ी बहन ) और मनसा देवी ( बड़ी बहन )
भगवान गणेश शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं। इनके बड़े भाई का नाम कार्तिकेय तथा बहन का नाम अशोक सुंदरी है। गणेश जी का हिन्दू-धर्म में सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। गणेश जी की दो पत्नियां हैं, जिनका नाम रिद्धि और सिद्धि है। गणेश जी के दो पुत्र हैं, जिनके नाम हैं शुभ और लाभ। उनका वाहन डिंक नामक मूषक है। गणों के स्वामी होने के कारण उनका एक नाम गणपति भी है। हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं। भगवान गणेश हिंदुओं के लिए प्रथम पूजनीय भगवान माने जाते हैं। उन्हें रिद्धि-सिद्धि और बुद्धि का देवता माना जाता है। भगवान गणेश प्रत्येक शुभ कार्य का आरम्भ करने के पूर्व उनका स्मरण कर लेना, उनकी पूजा करना आवश्यक माना गया है। इसका कारण यह है कि गणेश जी जिस प्रकार विघ्न-विनाशक है, उसी प्रकार उनको विघ्नेश्वर भी माना गया है। इसका आशय यह है कि यदि आरम्भ में ही गणेश जी की पूजा न की जायगी तो उस कार्य में वे विघ्न उपस्थित करेंगे, और यदि उनको प्रसन्न रखा जाएगा तो वे समस्त विघ्नों का परिहार करके कार्य को सिद्ध करने में सहायक बनेंगे।
पुराणों में गणेश जी की उत्पत्ति के सम्बन्ध में कई प्रकार की कथायें और कहानियाँ कही गई हैं ।