भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की तृतीया को यह पर्व मनाया जाता है। यह पर्व उत्तर प्रदेश के बनारस तथा मिर्जापुर में विशेष रूप से मनाया जाता है। कजरी (विरह गीत) की प्रतिद्वन्दिता भी होती है। प्रायः लोग नावों पर चढ़कर कजरी गीत गाते हैं। यह वर्षा ऋतु का एक विशेष राग है। ब्रज के मल्हारों की भाँति यहाँ पर यह प्रमुख वर्षा गीत माना जाता है।

इस दिन झूला भी पड़ता है। घरों में पकवान, मिष्ठान बनाया जाता है। ग्रामीण अंचलों में इसे तीजा कहते हैं। ग्रामीण बालाएँ तथा वधुएँ हिंडोले पर बैठकर कजरी गीत गाती हैं। वर्षा ऋतु में यह गीत पपीहा, बादलों तथा पुरवा हवाओं के झोकों से बहुत प्रिय लगता है।

Comments

आगामी उपवास और त्यौहार

कामिका एकादशी

बुधवार, 31 जुलाई 2024

कामिका एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 02 अगस्त 2024

मासिक शिवरात्रि
हरियाली तीज

बुधवार, 07 अगस्त 2024

हरियाली तीज
नाग पंचमी

शुक्रवार, 09 अगस्त 2024

नाग पंचमी
कल्कि जयंती

शनिवार, 10 अगस्त 2024

कल्कि जयंती
पुत्रदा एकादशी

शुक्रवार, 16 अगस्त 2024

पुत्रदा एकादशी