श्रावण मास हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना का पावन महीना माना जाता है। इस माह में भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए भक्त तरह-तरह के व्रत, पूजन और अनुष्ठान करते हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है महामृत्युंजय मंत्र का जाप। पुराणों में इस मंत्र को संजीवनी मंत्र भी कहा गया है, जिसके जाप से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
महामृत्युंजय मंत्र की महिमा अपरंपार:
- अकाल मृत्यु से मुक्ति: इस मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और आयु में वृद्धि होती है।
- रोगों से मुक्ति: महामृत्युंजय मंत्र के जाप से शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है।
- धन-धान्य में वृद्धि: इस मंत्र के जाप से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और धन-धान्य में वृद्धि होती है।
- संतान प्राप्ति: निःसंतान दंपत्ति इस मंत्र के जाप से संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं।
- मनोवांछित फल की प्राप्ति: इस मंत्र के जाप से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सावन में महामृत्युंजय मंत्र का जाप क्यों है खास?
सावन मास में भगवान शिव की विशेष कृपा बरसती है। इसलिए इस माह में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से दस गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है।
महामृत्युंजय मंत्र:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।
महामृत्युंजय मंत्र का जप कैसे करें?
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल पर भगवान शिव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- भगवान शिव को जल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि अर्पित करें।
- रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- जाप करते समय मन को एकाग्र रखें और भगवान शिव का ध्यान करें।
विशेष उपाय:
- स्नान करते समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से स्वास्थ्य लाभ होता है।
- यौवन की रक्षा के लिए दूध को निहारते हुए इस मंत्र का जाप करें और फिर वही दूध पिएं।
- किसी भी प्रकार की बीमारी से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- लगातार धन हानि से बचने के लिए इस मंत्र का जाप करें।
- संतान प्राप्ति के लिए सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र का जाप करवाएं।
महामृत्युंजय मंत्र एक चमत्कारी मंत्र है, जिसके जाप से जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती है। सावन मास में इस मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। इसलिए इस पावन महीने में आप भी इस मंत्र का जाप अवश्य करें और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को करने से पहले किसी योग्य पंडित या ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।