भवन दरबार सजाए मैया मुझे बुलाए,
हो…
दरस बिना दिल मेरा तड़पा तड़पाये,
भवन दरबार सजाए ओ मैया मुझे बुलाए,
आए हर साल बुलावे ओ ओ, ना इक पल मुझे बुलावे,
मेर माँ मेरी माँ मेरी माँ भवन दरबार सजाए ओ मैया मुझे बुलाए…..

चले एक होके हम माँ के दर पे छोड़ो गम,
छोड़ो आँखो के ये नम और उदासी रे,
ये है अंगना का धाम मन में एक ही है नाम,
आंखे मैया के दरस को प्यासी रे,
दर्शन को आए हैं हम, हो हो, मेरी माँ मेरी माँ हो,
भवन दरबार सजाए ओ मैया मुझे बुलाए……

मँझधार में फँसा है पतवार में फंसा है,
रफ्तार में फँसा है संसार की,
छोड़ मोहमाया जग की मिट्टी मिली काया सबकी,
बनी देख साया जग की जोता वालिए,
मन में जला दे जोति हो मेरी माँ मेरी माँ हो,
भवन दरबार सजाए ओ मैया मुझे बुलाए…………

खड़े द्वार पे तुम्हारे सारे भक्त भोले भाले,
कर दो सुख के उजाले मेरी दातिए,
ऊंचे धाम में विराजी मेरी मैया शेरोंवाली,
भर्ती सबकी झोली खाली मेहरा वाली,
करती मुरादें पूरी हो मेरी माँ मेरी माँ हो,
भवन दरबार सजाए ओ मैया मुझे बुलाए……

आए हर साल बुलावे ओ ओ, ना इक पल मुझे बुलावे,
मेर माँ मेरी माँ मेरी माँ भवन दरबार सजाए ओ मैया मुझे बुलाए……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

वरुथिनी एकादशी

गुरूवार, 24 अप्रैल 2025

वरुथिनी एकादशी
मोहिनी एकादशी

गुरूवार, 08 मई 2025

मोहिनी एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा

सोमवार, 12 मई 2025

वैशाखी पूर्णिमा
अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी

संग्रह