प्रथम नमो गुरु आपणा ,और दूजा देव गणेश,
तीजा सुमरू तीन जणा , तो ब्रम्हा विष्णु महेश,

सिंगा जग में जीवता , सेवक सुमरे पास,
जन कारण तन धारियों, ब्रम्ह ज्योति प्रकाश,

गुरुजी का सुमिरन कीजिए , और गुरुजी का धरिए ध्यान,
गुरुजी की सेवा कीजिए , तो मिटे सकल अज्ञान ,

सुमरा गजानंद गणपति , सुमरा गजानंद गणपति
जिनकी माता है रे पार्वती , सुमरा गजानंद गणपति,

रिद्धि सिद्धि के भरतार कहावे रिद्धि सिद्धि के भरतार कहावे,
अरे भाई मंगल है रे मूरती , सुमरा गजानंद गणपति,
सुमरा गजानंद गणपति , सुमरा गजानंद गणपति

मोदक लाडू पूजा तुम्हारी , मोदक लाडू पूजा तुम्हारी,
अरे भाई चढ़ती है रे बिलपत्ती , सुमरा गजानंद गणपति,
सुमरा गजानंद गणपति , सुमरा गजानंद गणपति

कहे जन दल्लू सुनो भाई साधो , कहे जन दल्लू सुनो भाई साधो,
हो म्हारी गुरु चरणन म गति , सुमरा गजानंद गणपति,
सुमरा गजानंद गणपति ,सुमरा गजानंद गणपति,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

वरुथिनी एकादशी

गुरूवार, 24 अप्रैल 2025

वरुथिनी एकादशी
मोहिनी एकादशी

गुरूवार, 08 मई 2025

मोहिनी एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा

सोमवार, 12 मई 2025

वैशाखी पूर्णिमा
अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी

संग्रह