तर्ज़ :- दिलदार कन्हैया ने

मेरे श्याम की महिमा को कोई जान ना पाया है,
जिसने माना तुझको उसने अपनाया है…..

वो नरशी भक्त तेरा टूटी गाड़ी लेके चला,
सवा सवा मण का तूने नानी का भात भरा,
गाड़ी हांके जिसने सारथी बनाया है,
जिसने माना तुझको उसने अपनाया है…..

वो भक्त सुदामा था जिसके तू गले से मिला,
मुठिका चावल की ली झुपड़ा भी महल था बना,
तेरे ही चलाये चले घर जिसने बनाया है,
जिसने माना तुझको उसने अपनाया है……

वो राजमहल राजा वनवाशी बन के चला,
सबरी के घर जाके उसका भी दास बना,
“कविराज” के भी घर आ उसने भी बुलाया है,
जिसने माना तुझको उसने अपनाया है…….

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कामिका एकादशी

बुधवार, 31 जुलाई 2024

कामिका एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 02 अगस्त 2024

मासिक शिवरात्रि
हरियाली तीज

बुधवार, 07 अगस्त 2024

हरियाली तीज
नाग पंचमी

शुक्रवार, 09 अगस्त 2024

नाग पंचमी
कल्कि जयंती

शनिवार, 10 अगस्त 2024

कल्कि जयंती
पुत्रदा एकादशी

शुक्रवार, 16 अगस्त 2024

पुत्रदा एकादशी

संग्रह