आपकी शरण में आया,अपनालो दाता मेरे,
भटक रहा था जिसके लिये,मिल गए मालिक मेरे ,

आप मेरी जिन्दगी हो,मै आपका जीव हूँ ,
आप ही सागर हो मेरे,मै छोटी सी बूँद हूँ
नदी नालो में बह आया,समालो गुरू देव मेरे,

सेवक हूँ में आपका,तुम ही मेरे मालिक हो,
क्यो में दुनियां से डरू,मेरे रक्षक आप हो,
कोई जग वालो से कह दे,मिल गए स्वयंभु मेरे,

आप ही अविनाशी हो,आप ही का अंश हूँ,
कर्म बंधन से फंसकर,भटका हुआ हंस हूँ,
आबाद कर दो पींजरे से,कर्म बन्धन काट मेरे,

सदानन्द दर्शन को,तरस रही है हर नज़र,
आपके दर्शन हुए,गई है जिन्दगी संवर ,
जिधर देखु तुम ही तुम हो,नही कोई सिवा तेरे,

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कामिका एकादशी

बुधवार, 31 जुलाई 2024

कामिका एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 02 अगस्त 2024

मासिक शिवरात्रि
हरियाली तीज

बुधवार, 07 अगस्त 2024

हरियाली तीज
नाग पंचमी

शुक्रवार, 09 अगस्त 2024

नाग पंचमी
कल्कि जयंती

शनिवार, 10 अगस्त 2024

कल्कि जयंती
पुत्रदा एकादशी

शुक्रवार, 16 अगस्त 2024

पुत्रदा एकादशी

संग्रह