आदिनाथ भगवान की आरती

आरती उतारूँ आदिनाथ भगवान की
माता मरुदेवि पिता नाभिराय लाल की
रोम रोम पुलकित होता देख मूरत आपकी
आरती हो बाबा, आरती हो,

प्रभुजी हमसब उतारें थारी आरती
तुम धर्म धुरन्धर धारी, तुम ऋषभ प्रभु अवतारी
तुम तीन लोक के स्वामी, तुम गुण अनंत सुखकारी
इस युग के प्रथम विधाता, तुम मोक्ष मार्म के दाता
जो शरण तुम्हारी आता, वो भव सागर तिर जाता
हे… नाम हे हजारों ही गुण गान की…

तुम ज्ञान की ज्योति जमाए, तुम शिव मारग बतलाए
तुम आठो करम नशाए, तुम सिद्ध परम पद पाये
मैं मंगल दीप सजाऊँ, मैं जगमग ज्योति जलाऊँ
मैं तुम चरणों में आऊँ, मैं भक्ति में रम जाऊँ
हे झूमझूमझूम नाचूँ करुँ आरती।

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी
गुरु गोविंद सिंह जयंती

शनिवार, 27 दिसम्बर 2025

गुरु गोविंद सिंह जयंती
पौष पूर्णिमा

शनिवार, 03 जनवरी 2026

पौष पूर्णिमा
षटतिला एकादशी

बुधवार, 14 जनवरी 2026

षटतिला एकादशी
मकर संक्रांति

बुधवार, 14 जनवरी 2026

मकर संक्रांति
जया एकादशी

सोमवार, 26 जनवरी 2026

जया एकादशी

संग्रह