आरती गजबदन विनायक

आरती गजबदन विनायककी। सुर-मुनि-पूजित गणनायककी॥
आरती गजबदन विनायककी॥

एकदन्त शशिभाल गजानन, विघ्नविनाशक शुभगुण कानन।
शिवसुत वन्द्यमान-चतुरानन, दुःखविनाशक सुखदायक की॥
आरती गजबदन विनायककी॥

ऋद्धि-सिद्धि-स्वामी समर्थ अति, विमल बुद्धि दाता सुविमल-मति।
अघ-वन-दहन अमल अबिगत गति, विद्या-विनय-विभव-दायककी॥
आरती गजबदन विनायककी॥

पिङ्गलनयन, विशाल शुण्डधर, धूम्रवर्ण शुचि वज्रांकुश-कर।
लम्बोदर बाधा-विपत्ति-हर, सुर-वन्दित सब विधि लायककी॥
आरती गजबदन विनायककी॥

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह