लक्ष्मण जी की आरती

आरती लक्ष्मण बालजती की
असुर संहारन प्राणपति की

जगमग ज्योति अवधपुर राजे
शेषाचल पै आप विराजे

घंटा ताल पखावज बाजे
कोटि देव मुनि आरती साजे

किरीट मुकुट कर धनुष विराजे
तीन लोक जाकी शोभा राजे

कंचन थार कपूर सुहाई
आरती करत सुमित्रा माई

आरती कीजे हरी की तैसी
ध्रुव प्रहलाद विभीषण जैसी

प्रेम मगन होय आरती गावै
बसि वैकुण्ठ बहुरि नहीं आवै

भक्ति हेतु हरि ध्यान लगावै
जन घनश्याम परमपद पावै

Author: Kapil

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह