माता चिंतपूर्णी जी की आरती

जै चिन्त्पुर्णी माता, चिन्ता हरो माता |
जीवन मेँ सुख दे दो, कश्ट हरो माता ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

ऊन्चा पर्वत तेरा, झ्न्डे झूल रहे |
करेँ आरती सारे, मन मेँ फूल रहे ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

सती के शुभ चरणोँ पर, मन्दिर है भारी |
छिन्न मस्तिका कह्ते, सारे सन्सारी ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

माईदास एक ब्राह्मण, स्वपन मेँ दरस दिये |
पूजा पिन्डी ध्यान कर, आनन्द भाव किये ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

बरगद पेड है दर पर, सुख भंडार भरे |
घन्टे घन घन बाजे, जय जय कार करेँ ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

कन्या गाती दर पे, मधुर स्वरोँ मेँ जब |
जिन्को सुन के, चिन्ता, मन की हटे माँ सब ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

पान सुपारी ध्वजा नारियल, छ्त्र चुन्नी संग मेँ|
चन्दन इत्र गुलाब जल, भेंट चढे अंग में ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

चिन्तित जीवन की माँ, तुम हो रख वाली |
सेवक आरती करता, कर मेँ लिये थाली ||
ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

धनतेरस

शनिवार, 18 अक्टूबर 2025

धनतेरस
नरक चतुर्दशी / रूप चतुर्दशी

सोमवार, 20 अक्टूबर 2025

नरक चतुर्दशी / रूप चतुर्दशी
दीपावली

मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025

दीपावली
गोवर्धन पूजा

बुधवार, 22 अक्टूबर 2025

गोवर्धन पूजा
भाई दूज

गुरूवार, 23 अक्टूबर 2025

भाई दूज

संग्रह