रविवार आरती

जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव॥

रजनीपति मदहारी, शतदल जीवनदाता।
षटपद मन मुदकारी, हे दिनमणि दाता॥

जग के हे रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव॥

नभमंडल के वासी, ज्योति प्रकाशक देवा।
निज जन हित सुखरासी, तेरी हम सबें सेवा॥

करते हैं रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव॥

कनक बदन मन मोहित, रुचिर प्रभा प्यारी।
निज मंडल से मंडित, अजर अमर छविधारी॥

हे सुरवर रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव॥

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

धनतेरस

शनिवार, 18 अक्टूबर 2025

धनतेरस
नरक चतुर्दशी / रूप चतुर्दशी

सोमवार, 20 अक्टूबर 2025

नरक चतुर्दशी / रूप चतुर्दशी
दीपावली

मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025

दीपावली
गोवर्धन पूजा

बुधवार, 22 अक्टूबर 2025

गोवर्धन पूजा
भाई दूज

गुरूवार, 23 अक्टूबर 2025

भाई दूज

संग्रह