श्री रघुवर आरती

आरती कीजै श्री रघुवर जी की,सत् चित् आनन्द शिव सुन्दर की।
दशरथ तनय कौशल्या नन्दन,सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन।
अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन,मर्यादा पुरुषोतम वर की।
आरती कीजै श्री रघुवर जी की…।

निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि,सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि।
हरण शोक-भय दायक नव निधि,माया रहित दिव्य नर वर की।
आरती कीजै श्री रघुवर जी की…।

जानकी पति सुर अधिपति जगपति,अखिल लोक पालक त्रिलोक गति।
विश्व वन्द्य अवन्ह अमित गति,एक मात्र गति सचराचर की।
आरती कीजै श्री रघुवर जी की…।

शरणागत वत्सल व्रतधारी,भक्त कल्प तरुवर असुरारी।
नाम लेत जग पावनकारी,वानर सखा दीन दुख हर की।
आरती कीजै श्री रघुवर जी की…।

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

धनतेरस

शनिवार, 18 अक्टूबर 2025

धनतेरस
नरक चतुर्दशी / रूप चतुर्दशी

सोमवार, 20 अक्टूबर 2025

नरक चतुर्दशी / रूप चतुर्दशी
दीपावली

मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025

दीपावली
गोवर्धन पूजा

बुधवार, 22 अक्टूबर 2025

गोवर्धन पूजा
भाई दूज

गुरूवार, 23 अक्टूबर 2025

भाई दूज

संग्रह