श्री युगलकिशोर की आरती

आरती युगलकिशोर की कीजै।तन मन धन न्यौछावर कीजै॥
गौरश्याम मुख निरखन लीजै,हरि का स्वरूप नयन भरि पीजै।
रवि शशि कोटि बदन की शोभा,ताहि निरखि मेरो मन लोभा।
ओढ़े नील पीत पट सारी,कुन्जबिहारी गिरिवरधारी।
फूलन की सेज फूलन की माला,रत्न सिंहासन बैठे नन्दलाला।
कंचन थाल कपूर की बाती,हरि आये निर्मल भई छाती।
श्री पुरुषोत्तम गिरिवरधारी,आरती करें सकल ब्रजनारी।
नन्दनन्दन बृजभान किशोरी,परमानन्द स्वामी अविचल जोरी।

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी
गुरु गोविंद सिंह जयंती

शनिवार, 27 दिसम्बर 2025

गुरु गोविंद सिंह जयंती
पौष पूर्णिमा

शनिवार, 03 जनवरी 2026

पौष पूर्णिमा
षटतिला एकादशी

बुधवार, 14 जनवरी 2026

षटतिला एकादशी
मकर संक्रांति

बुधवार, 14 जनवरी 2026

मकर संक्रांति
जया एकादशी

सोमवार, 26 जनवरी 2026

जया एकादशी

संग्रह