देवा देवा तेरे चरणों की पाऊं सेवा,
तेरे द्वारे भक्ति का पाऊं मेवा,
तुम स्वामी मेरे मैं हूं सेवक तेरा,
नित चरणो में ध्यान रहे मेरा,
देवा देवा तेरे चरणों की पाऊं सेवा…..

ह्रदय आसन पे तुम आओ प्रभु,
रिद्धि सिद्धि को संग लाओ प्रभु,
माता गौरा पिता भोले नाथ भी हो,
भ्राता कार्तिय सूत शुभ लाभ भी हो,
देवा देवा तेरे चरणों की पाऊं सेवा…..

एकदंत तुम्ही एक पूरण हो ब्रह्म,
दूजा ब्रह्म नहीं ये हटा दो भरम,
मेरी सांसों में तेरा ही वास रहे,
हे विनायक सजन तेरा दास कहे,
देवा देवा तेरे चरणों की पाऊं सेवा,
तेरे द्वारे भक्ति का पाऊं मेवा…..

Author: डॉ सजन सोलंकी

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