गज रूप निराला है,
विघ्नों को टाला है,
देकर सहारा तुमने,
सारे जग को सम्भाला है,
गज रूप निराला है….
रिद्धि सिद्धि विनायक हो,
स्वामी तुम सुखदायक हो,
कष्टों से तुमने अपने,
भक्तों को निकाला है,
गज रूप निराला है…..
जब भंवर पड़ी नैया,
तुम बने तब खिवैया,
दीन बंधु कृपा सिंधु,
मेरा बड़ा कृपाला है,
गज रूप निराला है….
श्रेष्ठ बुद्धि तुमको हासिल,
प्रथम पूजा के काबिल,
अंधकार मिटाकर तुमने,
किया जग में उजाला है,
गज रूप निराला है…..
सबसे आला है,
विघ्नहर्ता तुमने,
सबके कष्टों को टाला है,
राजीव के कष्टों को टाला है,
देकर सहारा तुमने,
सारे जग को सम्भाला है…..
Author: Unknown Claim credit