जय हो गणराज तुम्हारी

सच्चे मन से जो लेता गणपती तुम्हारा नाम,
विघ्न बिना ही हो जाते उसके सारे काम,
जय हो गणराज तुम्हारी…..

एक बार चरणों में आपके, जो भी मन से आया
पूरी हुई हर इच्छा उसने, जो माँगा वो पाया,
लौट के खाली हाथ गया ना, ऐसा तुम्हारा धाम,
जय हो गणराज तुम्हारी…..

मेरा तो विश्वास तुम्ही हो, सबपे कृपा बरसाते,
सिद्धि विनायक जो भी आता, पाप सभी धूल जाते,
हर शुभ काम बनाते आप हो, तुम ही हो चारो धाम,
जय हो गणराज तुम्हारी…..

मेहर दास तेरी करे वंदना, आओ गजानन आओ,
जन्मो के प्यासे सेवक को अपने गले लगाओ,
सभी देव मिलकर करते है देवा तुम्हे प्रणाम,
जय हो गणराज तुम्हारी…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी

संग्रह