लो जी आ गए है…..-2
लो जी आ गए है गणपति
चूहे पे सवार होके आ गए है ॥
पिता है जिनके, कैलाश वासी,
कैलाश वासी जी कैलाश वासी,
कैलाश पर्वत के, लगते जो नाती,
लगते जो नाती जी लगते जो नाती,
युग करता सुख करता नाम है जिनके
भक्तो की बिगड़ी बना गए है….लो जी आ गए है….
माता पिता का वो चक्कर लगाते,
चक्कर लगाते जी चक्कर लगाते,
माता पिता को ही सृष्टि में पाते,
सृष्टि में पाते जी सृष्टि में पाते,
भक्तो की अपने पुकार को सुनकर
सबके दिलों में समा गए है…. लो जी आ गए है…..
प्रथम पूजा का वो अधिकार पाते,
अधिकार पाते जी अधिकार पाते,
सबके दिलों में जी बप्पा जी छाते,
बप्पा जी छाते जी बप्पा जी छाते,
भक्तो के घर को सुखों से भरते
दुखो को संग ले जाते है….लोजी आ गए है,
लो जी आ गए है गणपति
चूहे पे सवार होके आ गए है……