मनाओ गणपत जी को आज,
हो जायेंगे सब पुरण काज,
लड्डुअन का भोग लगाएंगे,
करेंगे पूजा दिन और रात,
मनाओ गणपत जी को आज….

माँ गौरा के राज दुलारे,
शिव जी को तुम प्राणों से प्यारे,
गजानन तुमको सब कहते है,
दुखियों के दुःख को हरते है,
मनाओ गणपत जी को आज….

तुम्हारे जैसा देव ना दूजा,
सब करते है तुम्हारी पूजा,
मूषक बाबा तुम्हारी सवारी,
गजानन सुनलो विनती हमारी,
मनाओ गणपत जी को आज……

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