सुमिरण दुख भंजन का,
चारभुजा धारी गिरजा नंदन का
सुमिरण दुख भंजन का।
कार्तिक और गणपति में एक दिन ऐसी बाजी लगे।
पृथ्वी की परिक्रमा करके कौन आते है आगे
सुमिरण दुख भंजन का——
कार्तिक जी अपने वाहन से तेज़ गति से भागे।
गणपति मात पिता को घूमे भये बुद्धि में आगे।
सुमिरण दुख भंजन का—-
मेरे दुख को दूर करो प्रभु तुझसे है ये अर्ज़ी
फिर आगे जो भी करना हो अब तेरी है मर्ज़ी।
सुमिरण—–
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