पवनपुत्र बजरंग बली का भक्ति भाव से कीजै ध्यान,
जहाँ होगी राम धुंन ,वहां विराजै हनुमान,
जय हनुमान जय हनुमान,मोचन जय हनुमान,
जहाँ होगी राम धुंन ,वहां विराजै हनुमान………

राम के काज करने को आतुर,
रहत सदा हनुमान,
लका जाकर सीता को ढूंढा,
ऐसे हैं हुनमान,
सिय की व्यथा राम को सुनाई, खुद रो पड़े हुनमान……

हनुमत के चरणन मे पड़े रहो,
जव तक न दे आशीष,
पवनपुत्र हनुमान के समुख,
झुका दो अपना शीष,
पवनपुत्र बजरग बलि का, कीजे रोज ध्यान…..

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