स्वर्ण पर्वताकार शरीरा श्री हनुमान कहावे,
सालासर के स्वर्ण कलश पर लाल ध्वजा लहराये….

सालासर मे सोना बरसे जब चाहें अजमाल,
इस पारस पत्थर को छुलो जिवन सफल बनालो,
स्वर्ण अवसर मिल गया कही ये अवसर निकल ना जाये,
सालासर के…..

सवामणी का धणी देव ये करता काम सवाया,
सवामणी ने ना जाने कितनों का भाग्य जगाया,
सवामणी का भोग चुरमा सरजिवन बन जाये,
सालासर के……..

केशरीनंदन के चरणों से रंग केशरी पालो,
पवन कुंड के हवन कुंड की भस्मी अंग रमालो,
इस भस्मी से मिट्टी की काया कंचन हो जाये,
सालासर के………

भक्त शिरोमणी मोहनदास जी स्वर्ण मे अलख जगाया,
सालासर दरबार सजीला स्वर्ण छत्र की छाया,
भक्तीभाव की गुणमाला राजेन्द्र आज चढ़ाये,
सालासर के………

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

बसंत पंचमी

रविवार, 02 फरवरी 2025

बसंत पंचमी
जया एकादशी

शनिवार, 08 फरवरी 2025

जया एकादशी
माघ पूर्णिमा

बुधवार, 12 फरवरी 2025

माघ पूर्णिमा
विजया एकादशी

सोमवार, 24 फरवरी 2025

विजया एकादशी
महा शिवरात्रि

बुधवार, 26 फरवरी 2025

महा शिवरात्रि
आमलकी एकादशी

सोमवार, 10 मार्च 2025

आमलकी एकादशी

संग्रह