तर्ज – दिल के अरमा आंसुओ में
सांवरे से दिल लगा कर देखले,
हाले दिल अपना सुनाकर देखले……
ज़िन्दगी तेरी सफल हो जाएगी,
हर तरफ खुशिया ही खुशिया छाएगी,
श्याम की ज्योति जगा कर देख ले,
हाले दिल अपना सुनाकर देखले…..
दिल किसी का ना यहाँ टुटा कभी,
सांवरे का साथ ना छूटा कभी,
हर तरफ नज़रे घूमा कर देख ले,
हाले दिल अपना सुनाकर देखले……
संजय मित्तल
याद जब तुझको सताए श्याम की,
देखोगे झलकी मेरे घनश्याम की,
याद में आंसू बहाकर देख ले,
हाले दिल अपना सुनाकर देखले……
प्रेम से जब भी बुलाओ आएगा,
बिन्नू कहता श्याम ना रुक पायेगा,
सच्चे दिल से तू बुलाकर देखले,
हाले दिल अपना सुनाकर देखले……
Author: संजय मित्तल