तेरी कृपा से ही मैं गुण तेरे गाता हूं,
सेवा मिलती उससे परिवार चलाता हूं……

दीनो का बंधु है हारे का साथी है,
हर बुझते दीपक की तूही तो बाती है,
अपने दिल की बाते बस तुम्हे सुनाता हु,
सेवा मिलती उससे परिवार चलाता हूं…..

कलियुग में गर तुझसा दातार नही होता,
ये बेड़ा गरीबों का कभी पार नहीं होता,
पग पग पर मैं तुझको मेरे संग में पाता हूं,
सेवा मिलती उससे परिवार चलाता हूं……

तेरी कृपा बाबा बस यूंही मिलती रहे,
तेरा नाम ले लेकर मेरी गाड़ी चलती रहे,
कहे श्याम शूकर तेरा हर रोज मनाता हूं,
सेवा मिलती उससे परिवार चलाता हूं……

Author: Pravesh साहू & Shyam Agrwal

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

षटतिला एकादशी

शनिवार, 25 जनवरी 2025

षटतिला एकादशी
बसंत पंचमी

रविवार, 02 फरवरी 2025

बसंत पंचमी
जया एकादशी

शनिवार, 08 फरवरी 2025

जया एकादशी
माघ पूर्णिमा

बुधवार, 12 फरवरी 2025

माघ पूर्णिमा
विजया एकादशी

सोमवार, 24 फरवरी 2025

विजया एकादशी
महा शिवरात्रि

बुधवार, 26 फरवरी 2025

महा शिवरात्रि

संग्रह