तर्ज – सात फेरों के सातो वचन
आओ हनुमान जी मेरे घर,
पूरी कर दो प्रभु आस मेरी,
कर दो मुझपे दया की नजर
पूरी कर दो प्रभु आस मेरी….
याद कर लो प्रभु उस घड़ी को,
दर्श दिया गणेश पूरी को,
बाबा ने समाधी लगाई,
सेवा दी जब किशोर पूरी को,
किशोर पूरी को,
किया मोहन को तुमने अमर,
पूरी कर दो प्रभु आस मेरी,
आओ हनुमान जी मेरे घर,
पूरी कर दो प्रभु आस मेरी…..
तुम्हे ढूंडा कभी सालासर में,
कभी खोजा तुम्हे महेंदीपुर में,
जितने थे धाम मेरी नजर में,
मैंने ढूंढा तुम्हे दुनिया भर में,
तुम्हे दुनिया भर में,
खोजते बीती जाए उमर,
पूरी कर दो प्रभु आस मेरी,
आओ हनुमान जी मेरें घर,
पूरी कर दो प्रभु आस मेरी…..
जपते जपते प्रभु बाला बाला,
थक गई मैं तो अंजनी लाला,
ताने देते है दुनिया वाले,
लाज रख लो प्रभु घाटे वाले,
प्रभु घाटे वाले,
वैरागी विनय तू भी कर,
पूरी कर दो प्रभु आस मेरी,
आओ हनुमान जी मेरें घर,
पूरी कर दो प्रभु आस मेरी…..
Author: Unknown Claim credit