वृंदावन एक पलक जो रहिये।
जन्म जन्म के पाप कटत हे कृष्ण कृष्ण मुख कहिये ॥१॥
महाप्रसाद और जल यमुना को तनक तनक भर लइये।
सूरदास वैकुंठ मधुपुरी भाग्य बिना कहां पइये ॥२॥
Author: Unknown Claim credit
वृंदावन एक पलक जो रहिये।
जन्म जन्म के पाप कटत हे कृष्ण कृष्ण मुख कहिये ॥१॥
महाप्रसाद और जल यमुना को तनक तनक भर लइये।
सूरदास वैकुंठ मधुपुरी भाग्य बिना कहां पइये ॥२॥
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रविवार, 02 फरवरी 2025
बसंत पंचमीशनिवार, 08 फरवरी 2025
जया एकादशीबुधवार, 12 फरवरी 2025
माघ पूर्णिमासोमवार, 24 फरवरी 2025
विजया एकादशीबुधवार, 26 फरवरी 2025
महा शिवरात्रिसोमवार, 10 मार्च 2025
आमलकी एकादशी