तर्ज – म्हारा हिवड़ा में नाचे मोर
म्हारो नटवर नन्द किशोर,
चले पईया पईया,
घुंगरू को बाज्यो शोर,
बजे पग पैंजनिया,
चलता धम धम,
गिरता उठकर,
फिर चल पड़े कन्हैया,
म्हारो नटवर नन्द किशोर,
चले पईया पईया,
घुंगरू को बाज्यो शोर,
बजे पग पैंजनिया……
अंगना में छम छम डोलत है,
पायल के घुंगरू बोलत है,
छन छनन छनन,
झन झनन झनन,
अमृत कानो में घोलत है,
घणो चाव म्हणे,
भरयो भाव म्हणे,
मन मुस्काये मैया,
म्हारो नटवर नंद किशोर,
चले पईया पईया,
घुंगरू को बाज्यो शोर,
बजे पग पैंजनिया……..
नन्द के घर शोर मच्यो भारी,
दौड़ी आई ब्रज की नारी,
देखि नटखट की लटक मटक,
हंस हंस के बजा रही तारी,
बलि बलि जाए तन मन वारे,
सब ले रही बलैया,
म्हारो नटवर नंद किशोर,
चले पईया पईया,
घुंगरू को बाज्यो शोर,
बजे पग पैंजनिया…….
कोई राई लूंण उबार रही,
कोई ठुठकारे डार रही,
गोदी में लेकर लल्ला को,
मैया चुम चुम पुचकार रही,
लियो कलेजे लगा बिहारी,
करे आँचल की छैया,
म्हारो नटवर नन्द किशोर,
चले पईया पईया,
घुंगरू को बाज्यो शोर,
बजे पग पैंजनिया…….
म्हारो नटवर नन्द किशोर,
चले पईया पईया,
घुंगरू को बाज्यो शोर,
बजे पग पैंजनिया,
चलता धम धम,
गिरता उठकर,
फिर चल पड़े कन्हैया,
म्हारो नटवर नन्द किशोर,
चले पईया पईया,
घुंगरू को बाज्यो शोर,
बजे पग पैंजनिया…….
Author: Unknown Claim credit