हरि बिन कूण गती मेरी
हरि बिन कूण गती मेरी।तुम मेरे प्रतिपाल कहिये मैं रावरी चेरी॥आदि अंत निज नाँव तेरो हीयामें फेरी।बेर बेर पुकार कहूं प्रभु आरति है तेरी॥यौ संसार बिकार सागर बीच में घेरी।नाव फाटी प्रभु पाल बाँधो बूड़त...
हरि बिन कूण गती मेरी।तुम मेरे प्रतिपाल कहिये मैं रावरी चेरी॥आदि अंत निज नाँव तेरो हीयामें फेरी।बेर बेर पुकार कहूं प्रभु आरति है तेरी॥यौ संसार बिकार सागर बीच में घेरी।नाव फाटी प्रभु पाल बाँधो बूड़त...
नटवर नागर नन्दा, भजो रे मन गोविन्दा,श्याम सुन्दर मुख चन्दा, भजो रे मन गोविन्दा।तू ही नटवर, तू ही नागर, तू ही बाल मुकुन्दा ,सब देवन में कृष्ण बड़े हैं, ज्यूं तारा बिच चंदा।सब सखियन में...
मीरा को प्रभु साँची दासी बनाओ।झूठे धंधों से मेरा फंदा छुड़ाओ॥लूटे ही लेत विवेक का डेरा।बुधि बल यदपि करूं बहुतेरा॥हाय!हाय! नहिं कछु बस मेरा।मरत हूं बिबस प्रभु धाओ सवेरा॥धर्म उपदेश नितप्रति सुनती हूं।मन कुचाल से...
देखे मैं छबी आज अति बिचित्र हरिकी ॥ध्रु०॥आरुण चरण कुलिशकंज । चंदनसो करत रंग।सूरदास जंघ जुगुली खंब कदली । कटी जोकी हरिकी ॥१॥उदर मध्य रोमावली । भवर उठत सरिता चली ।वत्सांकित हृदय भान । चोकि...
मेरो मन राम-हि-राम रटै। राम-नाम जप लीजै प्राणी! कोटिक पाप कटै। जनम-जनम के खत जु पुराने, नामहि लेत फटै। कनक-कटोरै इमरत भरियो, नामहि लेत नटै। मीरा के प्रभु हरि अविनासी तन-मन ताहि पटै।
राधे कृष्ण कहो मेरे प्यारे भजो मेरे प्यारे जपो मेरे प्यारे ॥ध्रु०॥भजो गोविंद गोपाळ राधे कृष्ण कहो मेरे ॥ प्यारे०॥१॥कृष्णजीकी लाल लाल अखियां हो लाल अखियां । जैसी खिलीरे गुलाब ॥राधे०॥२॥सिरपर मुगुट विराजे हो विराजे...
नंद दुवारे एक जोगी आयो शिंगी नाद बजायो ।सीश जटा शशि वदन सोहाये अरुण नयन छबि छायो ॥ नंद ॥ध्रु०॥रोवत खिजत कृष्ण सावरो रहत नही हुलरायो ।लीयो उठाय गोद नंदरानी द्वारे जाय दिखायो ॥नंद०॥१॥अलख अलख...
जागो पीतम प्यारा लाल तुम जागो बन्सिवाला ।तुमसे मेरो मन लाग रह्यो तुम जागो मुरलीवाला ॥ जा०॥ध्रु०॥बनकी चिडीयां चौं चौं बोले पंछी करे पुकारा ।रजनि बित और भोर भयो है गरगर खुल्या कमरा ॥१॥गरगर गोपी...
बासरी बजाय आज रंगसो मुरारी ।शिव समाधि भूलि गयी मुनि मनकी तारी ॥ बा०॥ध्रु०॥बेद भनत ब्रह्मा भुले भूले ब्रह्मचरी ।सुनतही आनंद भयो लगी है करारी ॥ बास०॥१॥रंभा सब ताल चूकी भूमी नृत्य कारी ।यमुना जल...
देख देख एक बाला जोगी द्वारे मेरे आया हो ॥ध्रु०॥पीतपीतांबर गंगा बिराजे अंग बिभूती लगाया हो ।तीन नेत्र अरु तिलक चंद्रमा जोगी जटा बनाया हो ॥१॥भिछा ले निकसी नंदरानी मोतीयन थाल भराया हो ।ल्यो जोगी...
देखो माई हलधर गिरधर जोरी ॥ध्रु०॥हलधर हल मुसल कलधारे गिरधर छत्र धरोरी ॥देखो०॥१॥हलधर ओढे पित पितांबर गिरधर पीत पिछोरी ॥देखो०॥२॥हलधर केहे मेरी कारी कामरी गीरधरने ली चोरी ॥देखो०॥३॥सूरदास प्रभुकी छबि निरखे भाग बडे जीन कोरी...
नेक चलो नंदरानी उहां लगी नेक चलो नंदारानी ॥ध्रु०॥देखो आपने सुतकी करनी दूध मिलावत पानी ॥उ०॥१॥हमरे शिरकी नयी चुनरिया ले गोरसमें सानी ॥उ०॥२॥हमरे उनके करन बाद है हम देखावत जबानी ॥उ०॥३॥तुमरे कुलकी ऐशी बतीया सो...