तूने इतना दिया रे गिरधारी ओ बाके बिहारी,
की मैं तो माला माल हो गई…….

तूने आँखे दी है जिसमें ज्योति दी है,
तेरे दर्शन करुँगी गिरधारी ओ बाके बिहारी,
की मैं तो माला माल हो गई…….

तूने कान दिए जिसमें परदा दिया,
तेरी कथा सुनुंगी गिरधारी ओ बाके बिहारी,
की मैं तो माला माल हो गई…….

तूने कंठ दिया जिसमें जिव्हा दी है,
तेरे भजन करुँगी जिव्हा गिरधारी ओ बाके बिहारी,
की मैं तो माला माल हो गई…….

तूने पेट दिया जिसमें भूख दी है,
तेरी ग्यारस करुगी गिरधारी ओ बाके बिहारी,
की मैं तो माला माल हो गई…….

तूने हाथ दिए उसमें बंधन दी है,
मैं तो दान करुँगी गिरधारी ओ बाके बिहारी,
की मैं तो माला माल हो गई…….

तूने पाओ दिए उसमे बंधन दिए,
मैं तो तीर्थ करुँगी गिरधारी ओ बाके बिहारी,
की मैं तो माला माल हो गई…….

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