लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में है,
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है,
बेसहारों को सहारा, तेरे बरसाने में है ॥

झांकीया तेरे महल की कर रहे सब देवगण,
आगया बैकुंठ सारा, तेरे बरसाने में है॥

हर लता हर डाल पर तेरी दया की इक नज़र,
हर घडी यशोमती दुलारा, तेरे बरसाना में है॥

अब कहाँ जाऊं किशोरी तेरे दर को छोड़ कर,
मेरे जीवन का किनारा, तेरे बरसाने में है॥

यूँ तो सारे बृज में ही है तेरी लीला का प्रताप,
पर अनोखा ही नज़ारा, तेरे बरसाने में है ॥

मैं भला हूँ या बुरा हूँ पर तुम्हारा हूँ सदा,
अब तो जीवन का सहारा, तेरे बरसाने में है॥

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

राधा अष्टमी

Wednesday, 11 Sep 2024

राधा अष्टमी

संग्रह