
आ जाना गणपति आ जाना
आ जाना गणपति आ जाना भप्पा आ जानाजय गणेश श्री जय गणेश देव लोक के है दुलारे, महादेव और पारवती के आँखों के है तारे,जय गणेश श्री जय गणेश देव लोक के है दुलारे, चार...
हिंदी भजन लिरिक्स के साथ भक्ति में डूबें! सभी देवी-देवताओं के मधुर भजन, आरती और स्तुतियाँ BhaktiRas.in पर। आत्मिक शांति पाएं।
आ जाना गणपति आ जाना भप्पा आ जानाजय गणेश श्री जय गणेश देव लोक के है दुलारे, महादेव और पारवती के आँखों के है तारे,जय गणेश श्री जय गणेश देव लोक के है दुलारे, चार...
जय बोलो घनराज की दुःख हरता महाराज कीमाँ गोरी के लाल कीबोलो गणपति नाथ कीजय जय जय जय गणराज रुदर प्रिये की महिमा नारी जग में पूजे हर नर नारी,लड्डू भोग लगाये जो इनको सुख...
आँगन में आप पधारिये माँ गोरी के ललनप्रथम निम्रंत आप को करते तुम्हे नमनआँगन में आप पधारिये माँ गोरी के ललन विगन हरन मंगल के दाता तुम हो सब के भाग्ये विध्याता,जो गणपति को प्रथम...
हे नाथ दयावानों के सिर मौर बता दो,छोडूँ मैं भला आपको किस और बता दो, हा शर्त ये कर लो की मैं हट जाऊँगा दर से,अपना सा कृपा सिंधु कोई और बता दो,छोडूँ मैं भला...
जय जय गौरी लाल तेरी जय होवे,जय होवे गौरी लाल तेरी जय होवे,जय जय गौरी लाल तेरी जय होवे सबदे काज सवारे गणपत,भगत जना नु तारे गणपत,भगत जना नु तारे गणपत,सच्चे मन दे नाल तेरी...
तुम ही देवता हो तुम ही मीत मेरेतुम्ही प्राण वीणा के संगीत मेरेतुम ही देवता हो तुम ही मीत मेरे तुम ही मन के मंदिर में दीपक सलोनेमधुर ज्योति में हस रहे चारो कोनेहर इक...
ये हिमाल माझ, शिव को सौरास.ये हिमाल माझ, शिव को सौरास.पार्वती को मैत गणपति देवा हो..पार्वती को मैत गणपति देवा हो.. गोलु गंगी सैमा भैरो भुमिया का भुमियाला.गोलु गंगी सैमा भैरो भुमिया का भुमियाला.यो भूमि...
गणनायक से हट कर मन कही जाता नही है,सच पूछो तो उन जैसा कोई दाता नही है सुख कही दर्द समजलो यही हैगणनायक से हट कर मन कही जाता नही है, भगतो की आशायो को...
जय गणपति नमो नमःगोरा मैया जी के प्यारे भोले जी की आँख के तारेदेवा आज सभा में आ जाना मेरी नैया पार लगा जाना हम पेहले तुम्हे मनाते है देवा तेरा ध्यान लगाते हैहम कब...
दीजो हो चुररिया हमारी। किसनजी मैं कन्या कुंवारी॥ध्रु०॥गौलन सब मिल पानिया भरन जाती। वहंको करत बलजोरी॥१॥परनारीका पल्लव पकडे। क्या करे मनवा बिचारी॥२॥ब्रिंद्रावनके कुंजबनमों। मारे रंगकी पिचकारी॥३॥जाके कहती यशवदा मैया। होगी फजीती तुम्हारी॥४॥
मोरे लय लगी गोपालसे मेरा काज कोन करेगा।मेरे चित्त नंद लालछे॥ध्रु०॥१॥ब्रिंदाजी बनके कुंजगलिनमों। मैं जप धर तुलसी मालछे॥२॥मोर मुकुट पीतांबर शोभे। गला मोतनके माल छे॥३॥मीराके प्रभु गिरिधर नागर। तुट गई जंजाल छे॥४॥
माई मैनें गोविंद लीन्हो मोल॥ध्रु०॥कोई कहे हलका कोई कहे भारी। लियो है तराजू तोल॥ मा०॥१॥कोई कहे ससता कोई कहे महेंगा। कोई कहे अनमोल॥ मा०॥२॥ब्रिंदाबनके जो कुंजगलीनमों। लियों बंजंता ढोल॥ मा०॥३॥मीराके प्रभु गिरिधर नागर। पुरब जनमके...