तर्ज – बस यहीं अपराध मै हर बार करता हूँ…

देव कुल के मेरे सारे, काम कर देना,
हाथ जोड़े सब खड़े, उद्धार कर देना ||

पित्रदेव हम आपकी, करते सदा सेवा,
काज सारो नाथ देवो, ऐसा फल मेवा,
हमको तो हर पल पितरजी, आसरा देना,
हाथ जोड़े सब खड़े..

आपकी किरपा से ही, खुशियों के आयोजन,
रात जगाकर देवा करते, आपके कीर्तन,
आपके निमित्त भेंट, स्वीकार कर लेना,
हाथ जोड़े सब खड़े..

तिथि अमावस को हे देवा, पूजते सब जन,
आपके चरणों में करते,भाव पुष्प अर्पण,
करें भगत जो कामना उसे, टाल मत देना,
हाथ जोड़े सब खड़े..

हो भी जाए भुल हमसे, ध्यान मत देना,
कान पकड़े हूँ खड़ा, सब माफ कर देना,
“राजू” कहता है पितरजी, लाज रख लेना,
हाथ जोड़े सब खड़े..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

दुर्गा अष्टमी

शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024

दुर्गा अष्टमी
महा नवमी

शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024

महा नवमी
दशहरा

शनिवार, 12 अक्टूबर 2024

दशहरा
पापांकुशा एकादशी

सोमवार, 14 अक्टूबर 2024

पापांकुशा एकादशी
कोजागर लक्ष्मी पूजा

बुधवार, 16 अक्टूबर 2024

कोजागर लक्ष्मी पूजा
अश्विन पूर्णिमा

गुरूवार, 17 अक्टूबर 2024

अश्विन पूर्णिमा

संग्रह