आज भोलेनाथ पधारे है,
हम भक्तों के भाग्य जगे है,
वारे न्यारे है….

कोई गंगाजल लाये,
इनका अभिषेक कराये,
कमल के फूल से भगतों,
सजाए आज इनको,
भांग धतूरा बेलपत्र इन्हें,
लगते प्यारे है,
आज भोलेनाथ पधारे है…..

मेरे भोलेनाथ जैसा,
नही कोई और ऐसा,
बैठ गंगा के किनारे,
भगतों के है रखवारे,
मुखड़ा ऐसे चमचम चमके,
ज्यूँ चाँद सितारे है,
आज भोलेनाथ पधारे है…….

लगा दरबार बैठा,
बड़ा दातार बैठा,
अरज जिसने है लगाई,
करी है तुरत सुनाई,
पल में भंडारे ये भरता,
जो नाम पुकारे है,
आज भोलेनाथ पधारे है…..

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