हर हर महादेव शिव शंकर त्रिपुरारी,
सागर तट पर पूजें, तुमको राम धनुर्धारी,
शंकर से संकट भागे, ओर शत्रुन छेकारी…..

माथे पे गंग तेरे, लिपटे भुजंग तेरे,
भभूति अंग तेरे सोहे, भूतन का संग तेरे,
पीने को भंग तेरे, भाल पे चंद्र मन मोहे,
जय जय शंकर त्रिपुरारी, जय जय शंकर त्रिपुरारी…..

भक्तों के काज सारे, असुरों को तू संघरे,
करते नंदी की सवारी, जग के संघार कर्ता,
डमरू त्रिशूल धर्ता, यश गाते वेदचारी,
हर हर महादेव शंकर त्रिपुरारी…..

गिरिजापति दीनदयाला, गणपति है तुम्हरे लाला,
पल में करते हो बोलबाला, पसुपति तू है रखवाला,
विश्वनाथ जय महाकाला, प्रभु संतन के हो प्रतिपाला,
जय जय शंकर त्रिपुरारी, जय जय शंकर त्रिपुरारी…..

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