नमो नमो जय नमः शिवाय,
कितने भोले मेरे शिव है,
करते है कमाल शंकर,
नमो नमो…..
चला था शंकर कथा सुनाने,
अमरनाथ का राज बताने,
पंचरतन को त्याग अपने,
पार्वती को भेद बताने,
कथा को सुनकर अमर हो गया,
इक जोड़ा कबूतर का,
आज भी उड़ते अमरनाथ में,
रूप है गौरी शंकर का,
नमो नमो जय नमः शिवाय……
विस्तार कर दिया जो,
लेख शिवा ने,
अमरनाथ की हवा पहाड़ी,
और गुफा ने,
दिव्य लोक की दिव्य दिशाए,
जपती रहती नमः शिवाय,
नित धरती पर आके शिवा ने,
कल्याण कर दिया हम सब का,
नमो नमो जय नमः शिवाय……