शिव पार्वती की प्रेम कहानी

छोड़ महलों का आराम, एक अघोरी संग प्यार किया,
सांसे रुक जाए गम नहीं, हर वक़्त शिव का इंतज़ार किया,
शिव में पार्वती का हिस्सा आधा है, गौरा जिए अकेले ना ये शिव का वादा हैं
ऐसे प्यार की बताओ कहानी कहा,
शिव जैसा राजा कहा, गौरा जैसी रानी कहा……

इनका साथ ही दुनिया को, प्यार करना सिखाता है,
जीना भी सिखाता है, साथी पे मरना सिखाता है,
थाम के भोले का हाथ, पर्वतों पर रहती है,
हवा जहा की इश्क़ पुकारे,शंकर गौरा कहती है,
शिव के ख़ातिर वो कैलाश तक आ गयी, क्या मोहब्बत होती है ये गौरा बता गयी,
ऐसे प्यार की बताओ कहानी कहा,
शिव जैसा राजा कहा, गौरा जैसी रानी कहा…….

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