मन तड़पत हरि दरशन को आज ॥
मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज ।
आ विनती करत हूँ रखियो लाज ॥

तुम्हरे द्वार का मैं हूँ जोगी
मेरी ओर नजर कब होगी
सुन मेरे व्याकुल मन की बात ॥

बिन गुरू ग्यान कहाँ सेे पाऊं
दीजो दान हरि गुन गाऊं
सब गुनी जन पे तुम्हारा राज ॥

मुरली मनोहर आस न तोड़ो
दु:ख भंजन मेरा साथ न छोड़ो
मोहे दरशन भिक्षा दे दो आज ॥

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी
पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी

संग्रह