गुरू जम्भेश्वर की आरती

गुरू जम्भेश्वर की आरती

गुरू जम्भेश्वर की आरती गाऊ,
हाथ जोङकर शीश निवाऊ,

पींपासर मे जनम लिया था,
समराथल पर दरश दिया था,
अद्भुत लीला थारी,बली बली जाऊ

पींपासर नगरी मे आणद छायो,
नंद जी को लाल,लोहट घर आयो,
थारा युग-युग दरशण पाऊ,

सब सखियां मिल मंगल गावे,
ऐसो अवसर फेर ना आवे,
थारा ज्योति मे दरशण पांऊ,

सदानन्द थारी आरती उतारे,
विष्णु नाम का मंन्त्र उचारे,
थाने सुबह ओर शाम मनाऊ,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह