आरती जिसे सुनकर, जिसे गाकर श्रद्धालु धन्य समझते हैं। किसी भी देवी-देवता या अपने आराध्य, अपने ईष्ट देव की स्तुति की उपासना की एक विधि है। आरती के दौरान भक्तजन गाने के साथ साथ धूप दीप एवं अन्य सुगंधित पदार्थों से एक विशेष विधि से अपने आराध्य के सामने घुमाते हैं। मंदिरों में सुबह उठते ही सबसे पहले आराध्य देव के सामने नतमस्तक हो उनकी पूजा के बाद आरती की जाती है।

इसी क्रम को सांय की पूजा के बाद भी दोहराया जाता है व मंदिर के कपाट रात्रि में सोने से पहले आरती के बाद ही बंद किये जाते हैं। मान्यता है कि आरती करने वाले ही नहीं बल्कि आरती में शामिल होने वाले पर भी प्रभु की कृपा होती है। भक्त को आरती का बहुत पुण्य मिलता है। आरती करते समय देवी-देवता को तीन बार पुष्प अर्पित किये जाते हैं। मंदिरों में तो पूरे साज-बाज के साथ आरती की जाती है। कई धार्मिक स्थलों पर तो आरती का नजारा देखने लायक होता है। बनारस के घाट हों या हरिद्वार, प्रयाग हो या फिर मां वैष्णों का दरबार यहां की आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। तमिल में आरती को ही दीप आराधनई कहा जाता है।

श्री अन्नपूर्णा आरती

श्री अन्नपूर्णा आरती

आरती देवी अन्नपूर्णा जी की बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम। जो नहीं ध्यावै तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम। अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम॥ ॥ बारम्बार प्रणाम… ॥ प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर, कालान्तर...

श्री नवग्रह आरती

श्री नवग्रह आरती

आरती श्री नवग्रहों की कीजै. बाध,कष्ट,रोग,हर लीजै । सूर्य तेज़ व्यापे जीवन भर.जाकी कृपा कबहु नहिं छीजै। ॥ आरती श्री नवग्रहों की कीजै.. ॥ रुप चंद्र शीतलता लायें.शांति स्नेह सरस रसु भीजै। ॥ आरती श्री...

श्री युगलकिशोर की आरती

श्री युगलकिशोर की आरती

आरती युगलकिशोर की कीजै।तन मन धन न्यौछावर कीजै॥गौरश्याम मुख निरखन लीजै,हरि का स्वरूप नयन भरि पीजै।रवि शशि कोटि बदन की शोभा,ताहि निरखि मेरो मन लोभा।ओढ़े नील पीत पट सारी,कुन्जबिहारी गिरिवरधारी।फूलन की सेज फूलन की माला,रत्न...

श्री विन्ध्यवासिनी जी की आरती

श्री विन्ध्यवासिनी जी की आरती

सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, कोई तेरा पार ना पाया टेक। पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले तेरी भेट चढ़ाया।। सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी।। साड़ी चोली तेरी अंग विराजे, केसर तिलक लगाया। सुन...

माता चिंतपूर्णी जी की आरती

माता चिंतपूर्णी जी की आरती

जै चिन्त्पुर्णी माता, चिन्ता हरो माता |जीवन मेँ सुख दे दो, कश्ट हरो माता ||ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता… ऊन्चा पर्वत तेरा, झ्न्डे झूल रहे |करेँ आरती सारे, मन मेँ फूल रहे ||ॐ जय चिन्त्पुर्णी माता…...

आरती देवी शैलपुत्री जी की

आरती देवी शैलपुत्री जी की

शैलपुत्री माँ बैल असवार।करें देवता जय जय कार॥शिव-शंकर की प्रिय भवानी।तेरी महिमा किसी ने न जानी॥पार्वती तू उमा कहलावें।जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें॥रिद्धि सिद्धि परवान करें तू।दया करें धनवान करें तू॥सोमवार को शिव संग...

मां ब्रह्मचारिणी की आरती

मां ब्रह्मचारिणी की आरती

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।जय चतुरानन प्रिय सुख दाता। ब्रह्मा जी के मन भाती हो।ज्ञान सभी को सिखलाती हो।ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।जिसको जपे सकल संसारा। जय गायत्री वेद की माता।जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।...

मां चंद्रघंटा की आरती

मां चंद्रघंटा की आरती

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।पूर्ण कीजो मेरे सभी काम। चंद्र समान तुम शीतल दाती।चंद्र तेज किरणों में समाती। क्रोध को शांत करने वाली।मीठे बोल सिखाने वाली। मन की मालक मन भाती हो।चंद्र घंटा तुम वरदाती...

आरती देवी कूष्माण्डा जी की

आरती देवी कूष्माण्डा जी की

कूष्माण्डा जय जग सुखदानी।मुझ पर दया करो महारानी॥ पिङ्गला ज्वालामुखी निराली।शाकम्बरी माँ भोली भाली॥ लाखों नाम निराले तेरे।भक्त कई मतवाले तेरे॥ भीमा पर्वत पर है डेरा।स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥ सबकी सुनती हो जगदम्बे।सुख पहुँचती हो...

आरती देवी स्कंदमाता जी की

आरती देवी स्कंदमाता जी की

जय तेरी हो स्कन्द माता।पांचवां नाम तुम्हारा आता॥ सबके मन की जानन हारी।जग जननी सबकी महतारी॥ तेरी जोत जलाता रहूं मैं।हरदम तुझे ध्याता रहूं मै॥ कई नामों से तुझे पुकारा।मुझे एक है तेरा सहारा॥ कही...

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करवा चौथ

रविवार, 20 अक्टूबर 2024

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संकष्टी चतुर्थी

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सोमवार, 28 अक्टूबर 2024

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मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024

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