बालाजी की आरती
ॐ जय हनुमत वीरा स्वामी जय हनुमत वीरा, संकट मोचन स्वामी तुम हो रणधीरा॥ॐ॥ ॐ जय हनुमत वीरा स्वामी जय हनुमत वीरा, संकट मोचन स्वामी तुम हो रणधीरा॥ॐ॥ पवन-पुत्र अंजनी-सुत महिमा अति भारी, दुःख दरिद्र...
आरती जिसे सुनकर, जिसे गाकर श्रद्धालु धन्य समझते हैं। किसी भी देवी-देवता या अपने आराध्य, अपने ईष्ट देव की स्तुति की उपासना की एक विधि है। आरती के दौरान भक्तजन गाने के साथ साथ धूप दीप एवं अन्य सुगंधित पदार्थों से एक विशेष विधि से अपने आराध्य के सामने घुमाते हैं। मंदिरों में सुबह उठते ही सबसे पहले आराध्य देव के सामने नतमस्तक हो उनकी पूजा के बाद आरती की जाती है।
इसी क्रम को सांय की पूजा के बाद भी दोहराया जाता है व मंदिर के कपाट रात्रि में सोने से पहले आरती के बाद ही बंद किये जाते हैं। मान्यता है कि आरती करने वाले ही नहीं बल्कि आरती में शामिल होने वाले पर भी प्रभु की कृपा होती है। भक्त को आरती का बहुत पुण्य मिलता है। आरती करते समय देवी-देवता को तीन बार पुष्प अर्पित किये जाते हैं। मंदिरों में तो पूरे साज-बाज के साथ आरती की जाती है। कई धार्मिक स्थलों पर तो आरती का नजारा देखने लायक होता है। बनारस के घाट हों या हरिद्वार, प्रयाग हो या फिर मां वैष्णों का दरबार यहां की आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। तमिल में आरती को ही दीप आराधनई कहा जाता है।
ॐ जय हनुमत वीरा स्वामी जय हनुमत वीरा, संकट मोचन स्वामी तुम हो रणधीरा॥ॐ॥ ॐ जय हनुमत वीरा स्वामी जय हनुमत वीरा, संकट मोचन स्वामी तुम हो रणधीरा॥ॐ॥ पवन-पुत्र अंजनी-सुत महिमा अति भारी, दुःख दरिद्र...
जय जय श्री बगलामुखी माता. आरति करहूँ तुम्हारी॥ टेक॥पीत वसन तन पर तव सोहै, कुण्डल की छबि न्यारी॥जय-जय”कर-कमलों में मुद्गर धारै, अस्तुति करहिं सकल नर-नारी॥जय-जय”चम्पक माल गले लहरावे, सुर नर मुनि जय जयति उचारी॥जय-जय”त्रिविध ताप...
ॐ जय श्री जीण माता, जय श्री जीण माता।जो ध्यावत जग झंझट, उसका कट जाता ।। ॐ जय।। रत्न जड़ित सिंहासन, अद्भुत छवि न्यारी।सिर पर छत्र लसत है, राजत महतारी ।। ॐ जय।। कर कंगन,...
आरती कीजै श्री रघुवर जी की,सत् चित् आनन्द शिव सुन्दर की।दशरथ तनय कौशल्या नन्दन,सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन।अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन,मर्यादा पुरुषोतम वर की।आरती कीजै श्री रघुवर जी की…। निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि,सकल...
ऊँ जय बृहस्पति देवा,जय बृहस्पति देवा।छिन छिन भोग लगाऊँ,कदली फल मेवा॥ऊँ जय बृहस्पति देवा॥ तुम पूर्ण परमात्मा,तुम अन्तर्यामी।जगतपिता जगदीश्वर,तुम सबके स्वामी॥ऊँ जय बृहस्पति देवा॥ चरणामृत निज निर्मल,सब पातक हर्ता।सकल मनोरथ दायक,कृपा करो भर्ता॥ऊँ जय बृहस्पति...
जय जय पितरजी महाराज,मैं शरण पड़यो हूँ थारी।शरण पड़यो हूँ थारी बाबा,शरण पड़यो हूँ थारी॥ जय जय पितरजी महाराज। आप ही रक्षक आप ही दाता,आप ही खेवनहारे।मैं मूरख हूँ कछु नहि जाणू,आप ही हो रखवारे॥...
पारसनाथ प्रभु, पारसनाथ प्रभु हम सब उतारें थारी आरतीपारसनाथ-पारसनाथ हम सब उतारे थारी आरती हो… धन्य धन्य माता वामा देवी हो देख-देख लाल को हरषायेंखेले जब गोद में, खुशी तीनो लोक मेंखुशियों से भरी ये...
पवन मंद सुगंध शीतल,हेम मंदिर शोभितम् ।निकट गंगा बहत निर्मल,श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् ॥ शेष सुमिरन करत निशदिन,धरत ध्यान महेश्वरम् ।वेद ब्रह्मा करत स्तुति,श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम् ॥ ॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥ शक्ति गौरी गणेश शारद,नारद...
शांतिनाथ भगवान की हम आरती उतारेंगे। आरती उतारेंगे हम आरती उतारेंगे आरती उतारेंगे हम आरती उतारेंगे शांतिाथ भगवान… हस्तिनापुर में जनम लिये हे प्रभु देव करे जयकारा हो । जन्म महोत्सव करें कल्याणक, नाचे झूमे...
जय केदार उदार शंकर, मन भयंकर दुख हरम्, गौरी गणपति स्कंद नंदी, श्री केदार नमाम्यहम्। शैली सुंदर अति हिमालय, शुभ मंदिर सुंदरम्, निकट मंदाकिनी सरस्वती जय केदार नमाम्यहम्। उदक कुंड है अधम पावन रेतस कुंज...
आरती उतारूँ आदिनाथ भगवान कीमाता मरुदेवि पिता नाभिराय लाल कीरोम रोम पुलकित होता देख मूरत आपकीआरती हो बाबा, आरती हो, प्रभुजी हमसब उतारें थारी आरतीतुम धर्म धुरन्धर धारी, तुम ऋषभ प्रभु अवतारीतुम तीन लोक के...
चलो रे साधो चलो रे सन्तो चन्दन तलाब में नहायस्याँदर्शन ध्यों जगन्नाथ स्वामी, फेर जन्म नाही पायस्याँ || चलो रे साधो चलो रे सन्तो, रत्नागर सागर नहायस्याँदर्शन ध्यों रामनाथ स्वामी, फेर जन्म नहीं पायस्याँ ||...