आरती अहोई माता की
जय अहोई माता, जय अहोई माता।तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता॥जय अहोई माता॥ ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता।सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता॥जय अहोई माता॥ माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता।जो कोई तुमको ध्यावत नित...
आरती जिसे सुनकर, जिसे गाकर श्रद्धालु धन्य समझते हैं। किसी भी देवी-देवता या अपने आराध्य, अपने ईष्ट देव की स्तुति की उपासना की एक विधि है। आरती के दौरान भक्तजन गाने के साथ साथ धूप दीप एवं अन्य सुगंधित पदार्थों से एक विशेष विधि से अपने आराध्य के सामने घुमाते हैं। मंदिरों में सुबह उठते ही सबसे पहले आराध्य देव के सामने नतमस्तक हो उनकी पूजा के बाद आरती की जाती है।
इसी क्रम को सांय की पूजा के बाद भी दोहराया जाता है व मंदिर के कपाट रात्रि में सोने से पहले आरती के बाद ही बंद किये जाते हैं। मान्यता है कि आरती करने वाले ही नहीं बल्कि आरती में शामिल होने वाले पर भी प्रभु की कृपा होती है। भक्त को आरती का बहुत पुण्य मिलता है। आरती करते समय देवी-देवता को तीन बार पुष्प अर्पित किये जाते हैं। मंदिरों में तो पूरे साज-बाज के साथ आरती की जाती है। कई धार्मिक स्थलों पर तो आरती का नजारा देखने लायक होता है। बनारस के घाट हों या हरिद्वार, प्रयाग हो या फिर मां वैष्णों का दरबार यहां की आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। तमिल में आरती को ही दीप आराधनई कहा जाता है।
जय अहोई माता, जय अहोई माता।तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता॥जय अहोई माता॥ ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता।सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता॥जय अहोई माता॥ माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता।जो कोई तुमको ध्यावत नित...
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी।दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके...
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥ॐ जय गंगे माता॥ चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता।शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता॥ॐ जय गंगे माता॥ पुत्र सगर...
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता।हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता॥ शीश पे छत्र विराजे, मूरतिया प्यारी।गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी॥ ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे।सेवक चंवर डुलावत, नारद...
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥जय सरस्वती माता॥ चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी।सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी॥जय सरस्वती माता॥ बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला।शीश मुकुट मणि सोहे, गल...
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥ उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥ दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।जो...
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥जय अम्बे गौरी माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को।उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥जय अम्बे गौरी कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन...
ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामी जय चित्रगुप्त हरे।भक्त जनों के इच्छित, फल को पूर्ण करे॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥ विघ्न विनाशक मंगलकर्ता, सन्तन सुखदायी।भक्तन के प्रतिपालक, त्रिभुवन यश छायी॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥ रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरति,...
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,तोपे चढ़े दूध की धार।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तेरी सात कोस की परिकम्मा,और चकलेश्वर विश्रामतेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तेरे...
आरती कीजै नरसिंह कुँवर की।वेद विमल यश गाऊँ मेरे प्रभुजी॥ पहली आरती प्रह्लाद उबारे,हिरणाकुश नख उदर विदारे।दूसरी आरती वामन सेवा,बलि के द्वार पधारे हरि देवा।आरती कीजै नरसिंह कुँवर की। तीसरी आरती ब्रह्म पधारे,सहसबाहु के भुजा...
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥ श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।निलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥ क्रीट मुकुट शीश सहज...
जय पुरुषोत्तम देवा, स्वामी जय पुरुषोत्तम देवा।महिमा अमित तुम्हारी, सुर-मुनि करें सेवा॥जय पुरुषोत्तम देवा॥ सब मासों में उत्तम, तुमको बतलाया।कृपा हुई जब हरि की, कृष्ण रूप पाया॥जय पुरुषोत्तम देवा॥ पूजा तुमको जिसने सर्व सुक्ख दीना।निर्मल...